मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में अजीबोगरीब मामला सामने आया है. डेढ़ साल की मासूम अनाया की रगों में लाल की जगह सफेद खून दौड़ रहा है. बीमार होने पर जांच के लिए लैब में सैंपल निकाला गया था. सफेद खून देखकर सभी लोग हैरान रह गए. अनाया मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सीमा पर बसे खेतिया की रहने वाली है. ब्लड को जांच के लिए मुंबई से ब्रिटेन भी भेजा गया लेकिन निश्चित समय पर सैंपल वहां नहीं पहुंचने पर रिजेक्ट हो गया.
मासूम अनाया के पिता इमरान का कहना है कि मामूली सर्दी, खांसी, बुखार होने पर डॉक्टर की सलाह पर खून की जांच करवाई तो ब्लड लाल की जगह सफेद निकला. वह बेटी को इलाज के लिए महाराष्ट्र के शाहदा ले गए थे, तो उस दौरान लैब में जो ब्लड टेस्ट के लिए निकाला गया, वह सफेद रंग का निकला. सफेद रंग का खून देखकर जांच करने वाले लैब टेक्नीशियन भी हैरान रह गए. हैरानी इस वजह से भी थी कि उन्होंने कभी भी इस तरह का ब्लड सैंपल नहीं देखा था.इमरान ने बताया कि वहां से उन्हें मासूम अनाया को महाराष्ट्र के धूलिया ले जाने के लिए कहा गया. धुलिया में भी यही घटनाक्रम एक बार फिर हुआ. वहां के डॉक्टरों ने उन्हें केईएम हॉस्पिटल मुंबई में उपचार के लिए जाने की सलाह दी. इमरान भी इस बात से परेशान होकर केईएम हॉस्पिटल मुंबई पहुंचे, जहां ब्लड सैंपल की जांच की गई. उस ब्लड को जांच के लिए मुंबई से ब्रिटेन भी भेजा गया लेकिन निश्चित समय पर सैंपल नहीं पहुंचने रिजेक्ट हो गया.
मुंबई में हुई जांच में आए परिणाम चौंकाने वाले थे. बच्ची के शरीर से निकले ब्लड में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत ज्यादा पाई गई. साथ ही हीमोग्लोबिन भी अत्यधिक मात्रा में निकला है. मामले में स्थानीय स्तर पर कोई भी डॉक्टर कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं. पूरे विषय पर गहन अध्ययन की बात कहते नजर आ रहे हैं.
इमरान का कहना है कि मुंबई में उन्हें लंबे समय रुकने के लिए और हॉस्पिटल में बच्ची को भर्ती कर इलाज करने के बात डॉक्टरों के द्वारा की गई लेकिन पैसों के अभाव के चलते वहां पर लंबे समय नहीं रुक पा रहे हैं. डॉक्टरों की पर्ची पर दूध का सेवन बच्चे को नहीं कराने की सलाह दी गई है. साथ ही दाल का पानी, चावल और हल्का भोजन दिए जाने की बात कई गई है. चावल और तुवर के आटे का सेरेलेक देने की भी सलाह दी गई है. अब अनाया के स्वास्थ्य में सुधार नजर आने लगा है.
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