अब उत्तर प्रदेश में प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के लिए आपको रजिस्ट्री दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. अब किसी भी तहसील में रजिस्ट्री करा सकेंगे हालांकि पहले चरण में यह व्यवस्था 18 मंडलों में लागू होगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रॉपर्टी खरीदने और बेचने वालों की परेशानियों को देखते हुए यह फैसला लिया है.
उत्तर प्रदेश में रजिस्ट्री की प्रक्रिया को योगी सरकार ने बहुत ही आसान कर दिया है. अब किसी भी तहसील में लोग रजिस्ट्री करा सकेंगे. सोमवार से यह प्रक्रिया शुरू हो गई है. उत्तर प्रदेश में हजारों लोग रजिस्ट्री के लिए उसकी प्रक्रिया से परेशान होते थे. लोगों की इस परेशानी को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरी प्रक्रिया को सरल बना दिया है.
अब रजिस्ट्री के काम और रजिस्ट्रेशन विभाग की बैठक में बड़ा बदलाव किया गया है. अब प्रदेश में किसी भी रजिस्ट्री के आपको रजिस्ट्री दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. अब किसी भी तहसील में रजिस्ट्री करा सकेंगे हालांकि पहले यह 18 मंडलों में व्यवस्था लागू होगी. सफल ट्रायल के बाद उत्तर प्रदेश के सभी तहसीलों में लागू कर दी जाएगी.
इस प्रक्रिया के बाद अब प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के लिए तहसील जाकर आसानी से रजिस्ट्री करा सकेंगे. इससे पहले योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अब अपने रिलेटिव, सगे-संबंधियों के रजिस्ट्री शुल्क लेकर बड़ा फैसला किया था. घर के किसी सदस्य के नाम संपत्ति की रजिस्ट्री करने पर जो मोटा स्टांप शुल्क होता था, वह खत्म कर दिया गया.
अब नई स्कीम के तहत सिर्फ ₹5000 शुल्क देना होगा और 1000 पर प्रोसेसिंग फीस देकर संपत्ति की रजिस्ट्री करा सकेंगे और किसी भी संपत्ति में शामिल किया जाएगा. गिफ्ट डीड के दायरे में पारिवारिक सदस्यों में पिता, माता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, पुत्रवधु, दामाद, सगा भाई, सगी बहन, पुत्र व पुत्री का बेटा-बेटी आएंगे.
छूट का लाभ स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग द्वारा अधिसूचना जारी होने की तिथि से दिया जाएगा. छूट के बाद राजस्व व रजिस्ट्रियों पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन कर समय-सीमा छह माह से आगे बढ़ाने पर विचार किया जाएगा.