एक समय था जब व्यक्ति दूसरे लोगों के सामने हिंदी बोलने में संकोच करता था लेकिन अब वह दौर जा चुका है। आज हिंदी विश्व की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। इतना ही नहीं, लगभग 61.5 करोड़ लोगों द्वारा यह भाषा बोली जाती है। हिंदी को समर्पित 14 सितंबर को पूरे देश में हिंदी दिवस मनाया जाता है। वहीं, द्रमुक अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने इस मौके पर केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि हिंदी दिवस के बजाय भारतीय भाषा दिवस मनाया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने मांग करते हुए कहा कि तमिल समेत अन्य भारतीय भाषाओं को केंद्र सरकार की आधिकारिक भाषा बनाया जाना चाहिए।
उन्होंने गुजरात में अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संबोधन का हवाला देते हुए दावा किया कि अमित शाह ने भारतीय संस्कृति और यहां के इतिहास को समझने के लिए हिंदी सीखी और इसके लिए संघर्ष किया। उन्होंने पार्टी के बयान में आरोप लगाया कि राष्ट्र में कई भाषाएं बोलने वाले लोग रहते हैं। उन्होंने कहा कि भारत अपनी अखंडता के लिए जाना जाता है और यहां हिंदी के नाम पर देश को विभाजित करने के उद्देश्य से कोई प्रयास नहीं किया जाना चाहिए।
इस दौरान तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मांग करते हुए कहा कि संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल तमिल सहित सभी 22 भारतीय भाषाओं को केंद्र सरकार की आधिकारिक भाषा बनाया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि हिंदी दिवस मनाने के बजाय भारतीय भाषा दिवस मनाकर संस्कृति और इतिहास को मजबूत किया जाए।
गौरतलब है कि एमके स्टालिन की ये मांगे लंबे समय से चली आ रही हैं। बीते साल तमिलनाडु में सरकार बनाने वाली डीएमके पार्टी तमिल को आधिकारिक और प्रशासनिक भाषा का दर्जा देने की मांग कर रही है। बीते मई माह में भी उन्होंने अपनी मांगे दोहराते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की थी कि केंद्र सरकार के कार्यालयों और मद्रास हाईकोर्ट में तमिल को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया जाए।